Guru Purnima 2024 in Hindi: गुरु पूर्णिमा पर निबंध
गुरु पूर्णिमा भारत में मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है। यह पर्व हिन्दू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि इस दिन महान गुरु वेद व्यास का जन्म हुआ था। वेद व्यास ने वेदों का संकलन और महाभारत की रचना की थी, और उन्हें ‘आदि गुरु’ के रूप में पूजा जाता है।
गुरु पूर्णिमा का उत्सव गुरु-शिष्य परंपरा को मान्यता देने के लिए मनाया जाता है। भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण और पूजनीय माना गया है। गुरु ही शिष्य को ज्ञान के अंधकार से निकालकर प्रकाश की ओर ले जाते हैं। गुरु का आशीर्वाद शिष्य के जीवन को नई दिशा देता है और उसे सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस दिन लोग अपने गुरुओं के प्रति श्रद्धा और सम्मान प्रकट करने के लिए विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। शिष्य अपने गुरु को फूल, मिठाई और वस्त्र भेंट करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। कई स्थानों पर इस अवसर पर विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। विद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में भी इस दिन विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिसमें गुरु-शिष्य की महिमा का वर्णन किया जाता है।
गुरु पूर्णिमा का पर्व केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। यह पर्व हमें यह संदेश देता है कि हमें अपने जीवन में गुरु के महत्व को समझना चाहिए और उनके द्वारा दिए गए ज्ञान को अपनाना चाहिए। गुरु के बिना जीवन अधूरा है, क्योंकि गुरु ही हमें सच्चाई, धर्म और न्याय के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।
अंततः, गुरु पूर्णिमा का पर्व हमें यह याद दिलाता है कि हमें अपने गुरुओं का आदर और सम्मान करना चाहिए और उनके आशीर्वाद से जीवन को सार्थक बनाना चाहिए। गुरु का स्थान ईश्वर से भी ऊँचा माना गया है, क्योंकि गुरु ही हमें ईश्वर तक पहुँचने का मार्ग दिखाते हैं। इसलिए हमें इस दिन का महत्व समझते हुए अपने गुरुओं के प्रति कृतज्ञता प्रकट करनी चाहिए और उनके प्रति सम्मान और श्रद्धा व्यक्त करनी चाहिए।