2023 के लिए आरबीआई की नई नीति क्या है?

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 8-10 अगस्त, 2023 को 2023-24 के लिए अपनी तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति बैठक आयोजित की। मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने रेपो दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया। एमपीसी ने आवास वापसी के रुख को बरकरार रखने का भी फैसला किया।

एमपीसी का निर्णय निम्नलिखित कारकों पर आधारित था:

मुद्रास्फीति: जून 2023 में मुद्रास्फीति बढ़कर 4.81% हो गई, जो मई 2023 में 4.77% थी। हालांकि, एमपीसी को उम्मीद है कि 2023-24 में मुद्रास्फीति 2-6% के लक्ष्य सीमा के भीतर रहेगी।
आर्थिक विकास: 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.5% की दर से बढ़ने की उम्मीद है। एमपीसी को उम्मीद है कि आने वाले महीनों में विकास की गति बरकरार रहेगी।
वित्तीय स्थिरता: वित्तीय प्रणाली स्थिर है और वित्तीय स्थिरता के लिए कोई बड़ा जोखिम नहीं है।

एमपीसी ने कहा कि वह उभरती मुद्रास्फीति और विकास की गतिशीलता की निगरानी करना जारी रखेगी और मूल्य स्थिरता और सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए उचित कार्रवाई करेगी।

अगस्त 2023 में आरबीआई की मौद्रिक नीति बैठक की कुछ प्रमुख बातें इस प्रकार हैं:

  • रेपो रेट को 6.5% पर अपरिवर्तित रखा गया।
  • मौद्रिक नीति का रुख आवास वापसी पर बरकरार रखा गया।
  • 2023-24 में मुद्रास्फीति 2-6% के लक्ष्य सीमा के भीतर रहने की उम्मीद है।
  • 2023-24 में आर्थिक वृद्धि 6.5% बढ़ने की उम्मीद है।
  • वित्तीय प्रणाली स्थिर है और वित्तीय स्थिरता के लिए कोई बड़ा जोखिम नहीं है।

एमपीसी उभरती मुद्रास्फीति और विकास की गतिशीलता की निगरानी करना जारी रखेगी और मूल्य स्थिरता और सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए उचित कार्रवाई करेगी।

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