Vishwakarma Aarti

विश्वकर्मा आरती (Vishwakarma Aarti)

जय विश्वकर्मा दीन दयालु, तेरे भक्तों की रखवाली। जग के रचनाकार, शिल्पकार, कलाकार, तेरी जय हो, तेरी जय हो।

हे विश्वकर्मा, तुमने ही बनाया इस संसार को, तुमने ही बनाया ये सारे उपकरण, तुमने ही दिया हमें जीवन, तुमने ही दी हमें रोशनी, तेरी जय हो, तेरी जय हो।

हे विश्वकर्मा, हमारे घरों को बनाओ सुंदर, हमारे व्यवसायों को बनाओ सफल, हमारे जीवन को बनाओ खुशहाल, हमारे कामों को बनाओ आसान, तेरी जय हो, तेरी जय हो।

हे विश्वकर्मा, हमारे जीवन में आओ, हमारे जीवन को बनाओ समृद्ध, हमारे जीवन को बनाओ सुखमय, हमारे जीवन को बनाओ सफल, तेरी जय हो, तेरी जय हो।

ओम श्री विश्वकर्मा देवताय नमः।

विश्वकर्मा आरती का महत्व

विश्वकर्मा आरती एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जो भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने के लिए किया जाता है। यह आरती भगवान विश्वकर्मा की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए की जाती है।

विश्वकर्मा आरती को आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर के महीने में विश्वकर्मा पूजा के दिन किया जाता है। यह आरती भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने के लिए एक आदर्श तरीका है।

विश्वकर्मा आरती को करने से पहले, पूजा स्थल को साफ-सुथरा और सुसज्जित किया जाना चाहिए। इसके बाद, भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या तस्वीर को पूजा स्थल पर स्थापित किया जाना चाहिए।

विश्वकर्मा आरती को करने के लिए, एक दीपक या धूपबत्ती जलानी चाहिए। इसके बाद, आरती के गीत गाए जाने चाहिए। आरती के गीत भगवान विश्वकर्मा की महिमा का गुणगान करते हैं।

आरती के बाद, भगवान विश्वकर्मा को फूल, मिठाई और अन्य प्रसाद चढ़ाए जाते हैं। इसके बाद, भगवान विश्वकर्मा से अपने जीवन में सफलता और समृद्धि के लिए प्रार्थना की जाती है।

विश्वकर्मा आरती एक शक्तिशाली अनुष्ठान है जो भगवान विश्वकर्मा की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

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